सितारगंज। HPCL कंपनी से राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सितारगंज सिडकुल चौकी में दिनांक 22 अगस्त की रात्रि प्रार्थना पत्र देकर चौकी प्रभारी को बताया कि अज्ञात चोरों द्वारा कंपनी में घुसकर स्टोर रूम का ताला तोड़कर स्टोर रूम से 03 LED TV, कॉपर प्लेट्स आदि कीमती सामान चुरा लिया गया है। जिस मामले में मुखबिर की सूचना पर तीन व्यक्तियों को नकुलिया चौराहे पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स नामक दुकान से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में तीनों व्यक्तियों ने बताया कि हम तीनों ही एचपीसीएल कम्पनी में सतवन्त कान्ट्रेक्टर के अन्डर में बिजली का काम करते हैं। कुछ दिन पहले कम्पनी में नया सामान आया था, जो स्टोर में रखवाया था। हम तीनों ने देखा कि काफ़ी एलसीडी टीवी आदि कीमती सामान आया है इसलिये मिलकर प्लान बनाया। शाहिद लखीमपुर खीरी से अपने किसी जानने वाले से करीब दो दिन के लिये किराये पर एक अल्टो कार मांग कर लाया और फिर तीन दिन पहले रात के समय हम तीनों सिडकुल में पेट्रोल पम्प पर पहुंचे जहां पर हमने अपनी गाड़ी खड़ी की और पैदल एचपीसीएल कम्पनी पहुंचे। कम्पनी की बाउण्ड्री वाल की टिन काटकर रेंग-रेंगकर कम्पनी के अन्दर घुसे और अन्दर घुसकर स्टोर रूम का ताला तोड़कर कम्पनी से एल0ई0डी0 टीवी, कॉपर प्लेटें आदि बाउण्ड्री के बाहर इकट्ठा किया और फिर कार के पास गये और कार लाकर सामान उसमें रखकर हम वापस सितारगंज आ गये और सारा माल अपने कमरे में रख दिया, गिरफ्तार हुए अभियुक्तों की निशानदेही पर उनके कब्जे से मुकदमे से संबंधित चोरी किया माल बरामद किया गया तथा अभियुक्तों को धारा 380/457/411 IPC से अवगत कराते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया अभियुक्तों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया गया है।
गिरफ्तार किये गए अभियुक्तों में
शाहिद उर्फ सिम्मी पुत्र वसीम निवासी ग्राम खीरी, तहसील लखीमपुर थाना खीरी जिला लखीमपुर खीरी, उ०प्र०, उम्र 20 वर्ष, साजिद पुत्र अब्दुल शमी निवासी वार्ड नं० 11, मस्जिद वार्ड, पोस्ट व थाना मैलानी, जिला लखीमपुर खीरी उoप्रo उम्र 19 वर्ष ,आकिब पुत्र रियासत अली निवासी वार्ड नं0 7 मौहल्ला काली मन्दिर, पोस्ट व थाना मैलानी, जिला लखीमपुर खीरी यूपी आदि थे। जिनको पुलिस की टीम एस आई चंदन सिंह बिष्ट,राजेंद्र गोस्वामी,कपिल कुमार,कमल नाथ गोस्वामी आदि द्वारा गिरफ्तार किया गया।
साथ ही सतवंत सिंह पुत्र गुरमेल सिंह, कांट्रेक्टर HPCL द्वारा श्रमिकों का पुलिस सत्यापन ना कराए जाने पर भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए 83 पुलिस एक्ट में रुपये 5000 का अर्थदंड भी वसूला गया।