उत्तराखंड:- नेपाल ने भारतीय सीमा से सटे धारचूला इलाके के ऊपरी हिस्से से लेकर तालेश्वर तक खुद को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया है. पड़ोसी देश ने काली नदी में कई जगहों पर डाइवर्जन का जाल बिछा दिया है. इससे नदी का प्रवाह भारत की ओर तेज हो गया है
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नेपाल की विवादित हरकत, काली नदी की तेज धार से कम होती जा रही है भारत की जमीन
©साल 2013 की आपदा में काली नदी ने भारत और नेपाल में मचाया था कहर
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में नेपाल की करतूत सामने आई है. जहां नेपाल ने काली नदी के किनारे तंटबंधों के साथ ही डायवर्जन का जाल बिछा दिया है. इसके कारण काली नदी का प्रवाह भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है. हैरत की बात ये है कि हर दिन भारत की जमीन के कुछ हिस्से को कम कर रहा है. बारिश के दौरान ऊफनती काली नदी जिस ओर जाती है, वहीं तबाही बरपाती है. काली नदी के तेज बहाव से अपने बॉर्डर को बचाने के लिए नेपाल ने जगह-जगह पर तटबंध बना दिए हैं. इसके साथ ही नेपाल ने नदी की दिशा को बदलने के लिए कई डायवर्जन भी बना दिए हैं.
भारत से सटे बॉर्डर में धारचूला के ऊपरी इलाके से लेकर तालेश्वर तक नेपाल ने खुद को पूरी तरह सुरक्षित कर लिया है. तटबंधों के बनने से अब काली नदी का प्रवाह पूरी तरह भारत की ओर तेजी से बह रहा है. हालात ये हैं कि हर वक्त भारत की जमीन को काली नदी का प्रवाह धीरे-धीरे निगल रही है. खबरों के मुताबिक बरसात के दिनों में नदी का प्रवाह तेज होने से भारत का भू-भाग लगातार तेजी से कटता जा रहा है.
©काली नदी के किनारे बसे भारतीयों को मंडरा रहा खतरा
गौरतलब है कि साल 2013 की आपदा में काली नदी ने भारत और नेपाल दोनों ओर जमकर तबाही मचाई थी, लेकिन नेपाल सरकार ने उस तबाही से सबक लेते हुए भारत से सटे बॉर्डर में तटबंधों के साथ ही डाइवर्जन का जाल तेजी से बिछा दिया है. भारत ने भी कुछ चुनिंदा इलाकों में 2013 के बाद तटबंध बनाने का काम शुरू किया था, लेकिन खराब गुणवत्ता के कारण ज्यादातर बनाए गए तटबंध काली नदी के बहाव में समा गए हैं. भारत और नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मजबूत सुरक्षा दीवार न होने से जहां भारत की जमीन कम हो रही है. वहीं, इन इलाकों में बसे भारतीयों के लिए भी काफी खतरा मंडरा रहा है.
©बार्डर से सटे इलाको में एक्टिव हुआ नेपाल
इस मामले में पिथौरागढ़ जिले के डीएम ने बताया कि इस बारे में गृह मंत्रालय को जानकारी दी जा चुकी है. साथ ही काली नदी के किनारे मजबूत तटबंध बनाने का प्रपोजल बनाकर प्रदेश सरकार को भेज दिया है. उत्तराखंड के बॉर्डर से सटे इलाकों में भारत से ज्यादा नेपाल सक्रिय नजर आ रहा है. मोबाइल सेवा और अपनी जमीन की सुरक्षा के मामले में नेपाल भारत से दो कदम आगे निकल रहा है. ऐसे में अब भारत को भी इन इलाकों की ओर विशेष ध्यान देने की आव्श्यकता है, जिससे हमारी जमीन पूरी तरह से सुरक्षित रह सके.