स्क्रेब कारोबारियों के हौसले बुलंद। पत्रकार को ही दे डाली धमकी।

सितारगंज…गंदा है पर धंधा है : सिडकुल की फैक्ट्री से स्क्रैप चोरी में बड़ा खेल, अलग-अलग नम्बर प्लेट से आती हैं चार गड्डियां और जाते समय गाड़ियों पर लग जाता है एक ही नम्बर।

सितारगंज। टैक्स चोरी के लिए कारोबारी कोई ना कोई तोड़ निकाल ही लेते हैं। ऐसा ही मामला सिडकुल में चल रहा है। एक फैक्ट्री से स्क्रैप निकालने के दौरान सरकार को लाखों का चूना लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में चार अलग अलग नम्बरों कैंटर आते हैं। लेकिन जिस वाहन के नाम से चालान बनता है बाद में उसी के नम्बर सभी मे फिट हो जाते हैं। इसके लिए पूरे रास्ते फील्डर लगे रहते हैं जो वाहन चालकों को चेकिंग के दौरान अलर्ट करते हैं।

स्क्रैप के कारोबार पर कारोबारी को टैक्स देना पड़ता है। सिडकुल की एक फैक्ट्री से लाखों का स्क्रैप निकलता है। बताया जा रहा है कि यहां से स्क्रैप बाजपुर तक जाता है। इस स्क्रैप को ले जाने में ही टैक्स चोरी होती है। सूत्रों के अनुसार फैक्ट्री प्रबंधन और कारोबारी की सांठगांठ से टैक्स चोरी का खेल होता है।
जब फैक्ट्री से स्क्रैप निकलना होता है तो चार अलग अलग नम्बर के कैंटर फैक्ट्री में घुसते हैं। इसके बाद सभी में स्क्रैप लादा जाता है। फैक्ट्री में घुसते समय सभी वाहनों के नम्बर अलग अलग होते हैं। जब स्क्रैप लद जाता है तो किसी एक कैंटर का चालान बनाया जाता है।
उसके बाद इसी वाहन की नम्बर प्लेट अन्य तीनों गाड़ियों में लगाया जाता है। उसके बाद माल फैक्ट्री से रवाना कर दिया जाता है। सूत्र बताते हैं कि माल बाजपुर जाता है। ऐसे में इसकी रखवाली के लिए जगह जगह फील्डर तैनात होते हैं। फील्डर वाहनों को पास कराते हैं। चेकिंग होने पर फील्डर वाहन चालकों को अलर्ट करते रहते हैं।

कॉपर भी चोरी होता है—-
स्क्रैप की आड़ में फैक्ट्री से कॉपर भी चोरी होता है। सूत्र बताते हैं कि फैक्ट्री प्रबंधन की मिलीभगत से ही फैक्टरी से तांबे का तार गायब होता है। तांबा बाजार में काफी महंगा मिलता है। यही वजह है कि कारोबारी और फैक्ट्री प्रबंधन मिलीभगत से कॉपर चोरी करते हैं।

*इनबॉक्स-*

खबर प्रकाशित करने पर पत्रकार को मिली सांकेतिक धमकी ,स्क्रैब कारोबारी ने कहा जल्द आएगा तेरा
भी नंबर आएगा,

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