सितारगंज -एकल अभियान के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन सत्र आज शुक्रवार को सितारगंज स्थित महाराजा अग्रसेन ट्रस्ट के सभागार में प्रारम्भ हुआ। जहां मुख्य अतिथि सितारगंज नगर पालिका चेयरमैन हरीश दुबे व मुख्य वक्ता वरिष्ठ प्रचारक स्नेह पाल के साथ कार्यक्रम प्रभारी संतोष मिश्रा ने संयुक्त रुप से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम व माँ भारती के चित्र सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य वक्ता स्नेह पाल ने विस्तार से प्रशिक्षण में आई नवीन बहनों को सम्बोधित कर कहा कि प्रशिक्षण वर्ग हमारे जीवन में बदलाव लाते हैं वर्ग में समय का महत्व,संस्कृति का महत्व, राष्ट्र प्रेम और जनजाति बहुल्य क्षेत्र में अशिक्षित बच्चों को शिक्षित करने उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के साथ-साथ पंचमुखी शिक्षा के बारे में बताया वर्ग के अन्तर्गत प्रातः 5:30 से रात्रि 10:00 तक बजे तक की दिनचर्या बहुत ही सुन्दर तरीके से समय के सदुपयोग के साथ निर्धारित व अनुपालित की जाती है। हिन्दु संस्कृति में सदियों से साधु सन्तों के द्वारा जो गुरुकुल में शिक्षा व संस्कार समावेश किये जाते हैं बच्चे अपने घरों से अपने माता पिता से दूर रहकर गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करते हैं उसी प्रकार एकल अभियान के द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर इन बहनों के जीवन में एक क्रांति के रुप में इन सभी का मानसिक विकास करता है प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर एकल की बहनें ग्रामीण अंचलों में एकल विद्यालय में जाकर पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से दुर्गम अति दुर्गम क्षेत्रों में छोटे-छोटे बच्चों के जीवन को प्रकाशमय करेंगी । नवीन कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में प्रदेशभर से एकल के कार्यकर्ता सितारगंज पहुंचे थे देश के अलग-अलग जनपदों कर्णप्रयाग रुद्रप्रयाग गोपेश्वर टिहरी देहरादून नैनीताल खटीमा चंपावत पिथौरागढ़ बागेश्वर अल्मोड़ा से पहुंचे हुए कार्यकर्ता प्रशिक्षण ले रही हैं इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य वरिष्ठ प्रचारक वक्ता स्नेह पाल ने कहा भारत की सनातन संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है इसीलिए इसे सनातन संस्कृति कहा जाता है जिन परंपराओं के कमजोर पड़ने से हमारी संस्कृति कमजोर पड़ी आप हंसी संघर्षों जातिवाद संप्रदाय वंशवाद जिसके खातिर एक हजार वर्षों तक भारत गुलाम रहा आज अब ऐसा ना हो इसके लिए हम सभी लोगों ने मिलजुल कर इस राष्ट्र को मजबूत करना होगा और राष्ट्रवाद को बल देना होगा जिन महापुरुषों ने ऋषि-मुनियों ने इस देश की रक्षा हेतु अपना संपूर्ण जीवन खपा दिया उन महापुरुषों के पद चिन्हों पर चलकर इस देश की रक्षा के लिए संकल्प लेना होगा जिन महापुरुषों ने अपना संपूर्ण जीवन व संस्कृति को बचाने के लिए लगाया हमने उसे आगे बढ़ाना होगा एकल अभियान के तहत देशभर में आरोग्य योजना, ग्राम विकास, जागरण शिक्षा, संस्कार केंद्र और एकल विद्यालय चलाए जा रहे हैं। जहां आज भी सुदूरवर्ती इलाकों में आदिवासियों वनवासियों व पिछड़े गरीब निर्धन लोगों के लिए शिक्षा की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, ऐसे क्षेत्रों में एकल विद्यालय संचालित कर बच्चों को तीन घंटे की अनौपचारिक शिक्षा गांव के ही युवक और युवतियों द्वारा दी जाती है एकल अभियान के माध्यम से देश में छुआछूत को समाप्त कर समरसता का भाव पैदा किया जा रहा है तथा ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है।