आशा कार्यकत्रियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू। पूर्व जिला पंचायत मालती विश्वास ने दिया समर्थन।

सितारगंज। विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों का कार्य बहिष्कार शुरू हो गया। जिसमे पूर्व जिला पंचायत सदस्य व कॉंग्रेस से पूर्व प्रत्यसी रही मालती विश्वास ने आकर अपना समर्थन दिया और कहा कि वो महिला शक्ति सभी आशा कार्यकत्रियों के साथ हैं तसरकार को जल्द से जल्द इनकी मांगो की सुनवाई कर मांगे पूरी करनी चाहिए।उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कार्यकत्रियों ने जोरदार प्रदर्शन कर जुलूस निकाला।

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सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर प्रदर्शन कर कार्यकत्रियों ने कहा कि लंबे समय से काम के बदले मानदेय फिक्स करने की लड़ाई लड़ रही आशाओं को आंगनबाड़ी की तरह मानदेय फिक्स किया जाय और अन्य मांगों पर ध्यान दिया जाय।
गौरतलब है कि 23 जुलाई 2021 को आशाओं ने राज्य भर में ब्लॉकों में प्रदर्शन मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था। लेकिन सरकार ने एक नहीं सुनी। 30 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। इसलिए कार्यबहिष्कार किया जा रहा है। इससे पहले भी लगातार आशा अपनी समस्याओं से भाजपा की राज्य सरकार को 2017 में सरकार बनने के बाद से ही अवगत करा रही हैं लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

जिला अध्यक्ष ने कहा कि आशाओं के श्रम का लगातार शोषण खुद सरकार ही कर रही है। लेकिन अब पानी सर के ऊपर से गुजर गया है इसलिए आशाएँ अब और बंधुवा मजदूरी नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य की आशाएँ एक साथ आंदोलन पर हैं और इस बार आरपार की लड़ाई लड़ी जायेगी। आपने हक और सम्मान की लड़ाई लड़ रही आशाएँ एकता और संघर्ष के बल पर अवश्य जीतेंगी।
कहा गया कि पहले से ही काम के बोझ तले दबी आशाओं को केंद्र और भी ज्यादा क़िस्म के विभिन्न कामों में लगा दिया गया है। लेकिन जब जब काम के एवज में मासिक वेतन या मानदेय देने की बात आती है तो आशाओं को स्वैच्छिक कार्यकर्ता बता दिया जाता है। सरकार ने शोषण करने का अद्भुत तरीका खोज निकाला है कि कोविड से लेकर पल्स पोलियो, टीकाकरण, मातृ शिशु सुरक्षा, सर्वे, गणना, परिवार नियोजन, मलेरिया, डेंगू की जागरूकता के लिए घर घर जाने तक सारे काम आशाओं से कराओ और वेतन की बात आते ही ‘सामाजिक कार्यकर्ता के नाम का सम्मान’ देकर इतिश्री कर लो। नए नए तरीके अपनाकर आशाओं का शोषण अब नहीं चलेगा, आशा वर्कर्स अपना अधिकार हासिल करके रहेंगी।
कार्यबहिष्कार धरने में सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स मौजूद रहीं।इस दौरान मंजू देवी,सरमीन सिद्दकी,चरनजीत कौर, रिहाना,कंचन गुप्ता,इंद्रावती, कुलवंत कौर, हेमंती नेगी,मीना कोरंगा,तारा बिष्ठ, सुलोचना,संगीता, प्रवीन, भावना,मोबिना, गोमती देवी आदि उपस्थित रहे!

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