महिलाओं की मृत्यु घर पर, रास्ते में या किसी सुविधा केन्द्र पर पहुॅचने के तुरन्त बाद न हो। युगल किशोर

रूद्रपुर। जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि 10 अप्रैल 2023- मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने हेतु गहनता से डेथ ऑडिट करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु की डेथ ऑडिट के दौरान गहतना से समीक्षा की जाये और बिन्दुवार डेथ ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि ऑडिट रिपोर्ट में आशा के कार्यों, दायित्व एवं जिम्मेदारी आदि विवरण को भी शामिल किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मरीज द्वारा दवाई ले-जाने से लेकर खाने तक की स्थिति को भी ऑडिट रिपोर्ट में शामिल किया जाये ताकि पेशन्ट के समय से दवाई खाने एवं न खाने का भी पता चल सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जौखिम वाले मरीजों को किसी भी दशा में घर न जाने दिया जाये बल्कि मरीज की स्थिति के अनुसार ईलाज संभव वाले हायर सेंटर के लिए ही रेफर किया जाये ताकि समय से ईलाज हो सके। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिये कि मातृ-शिशु मृत्यु की शतप्रतिशत डेट ऑडिट की जाये ताकि कमियों का पता लगाते हुए कमियों को दूर किया जा सके।
जिलाधिकारी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि मातृ-शिशु की देखभाल में कोताही न बरती जाये क्योंकि अधिकांशतः महिलाओं की मृत्यु घर पर, रास्ते में या किसी सुविधा केन्द्र पर पहुॅचने के तुरन्त बाद हो जाती है। उन्होंने यह भी अपील की कि गर्भवती महिलाओं द्वारा अस्पताल से दवाईयां लेजाकर समय से खाई जा रहीं हैं या नहीं, इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जाये।

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