सांप काटे मरीज के लिए अंधविश्वास रखने से हो सकता है बड़ा नुकसान। मौर्या

सितारगंज। बीएड स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्र छात्राओं को सांप के द्वारा काटने पर अंधविश्वास से मुक्त रहने की जानकारी दी गई।


सांपों का रेस्क्यू करने में माहिर गुलज़ार अहमद ने आपने सहयोगी कासिव खान के साथ सितारगंज बीएड स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्र छात्राओं को जानकारी दी कि ज्यादातर लोगों में ये भ्रम है कि हर सांप में जहर होता है, हालांकि ऐसा नही है। देश में वैसे तो जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं। गुलज़ार ने बताया कि सांप काटने की बढ़ती घटनाएं इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष का सबसे बड़ा उदाहरण है। ज्यादातर तो सांप के जहर नहीं अंधविश्वास से मरते हैं लोग लेकिन इस समस्या की गंभीरता पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सांप के काटने पर व्यक्ति तुरन्त नही मरता इसलिए उसे सबसे पहले डॉक्टर के पास ले जाना चाहये न कि झाड़ फूक करवाया जाए। जिससे कि तुरन्त उपचार द्वारा उसे बचाया जा सके। गुलज़ार ने बताया कि वह सितारगंज क्षेत्र में करीब 30 वर्षो से वन विभाग, पुलिस विभाग, व अन्य सरकारी विभागों की सहायता से सांपो का रेस्क्यू करके उन्हें सुरक्षित जंगल मे पहुचाता है, और कहा सांपो को कभी मारना नही चाहिए क्योंकि ये भी प्रकृति में संतुलन बनाने की अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं प्रधानाचार्य डॉ डीएस मौर्या कहा कि सांप काटे मरीज को लेकर अगर कोई अंधविश्वास रखता है तो उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस अवसर पर प्रबंधक जगदीश सिंह बिष्ट,बीएड प्रधानाचार्य डॉ डीएस मौर्य, प्रशासनिक अधिकारी विजय सिंह एवं अजय सिंह, शिक्षक प्रियंका पाल, दीक्षा राणा, जसविंदर कौर, डॉ हेमा कथुरिया, निदा खान, श्रीराम सिंह, प्रशांत सनवाल, हरदयाल राणा, देवेंद्र प्रताप,राधा पांडेय, विनीता एवं अन्य छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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