एनयुजे(आई) प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों पर हमला करने व धमकी देने वालों की कड़े शब्दों में की भर्त्सना।

सितारगंज। पत्रकार मुकेश कुमार पर पुलिस कोतवाली के सामने जानलेवा हमला,और सितारगंज में अवैध खनन की खबर प्रमुखता से प्रकाशित करने पत्रकार रमेश यादव को खनन माफियाओं द्वारा जान से मार देने की धमकी देने को लेकर पत्रकारों में आक्रोश।

पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन एनयूजे-आई के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष संजय तलवार, कुमाऊँ मंडल अध्यक्ष दिनेश जोशी, राष्ट्रीय सचिव कैलाश जोशी, वरिष्ठ पत्रकार भगवान सिंह गंगोला, नैनीताल जिलाध्यक्ष डॉ0 नवीन जोशी, प्रदेश प्रवक्ता जफर सैफी, प्रदेश सचिव प्रमोद बमेटा, आरडी खान, उधमसिंह नगर के जिलाध्यक्ष श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, नैनीताल नगर अध्यक्ष अफजल हुसैन फौजी, सतीश जोशी,आशीष पांडेय,संदीप बिष्ट,शेर सिंह,दीपक भारद्वाज,जसपाल कोहली आदि संगठन के तमाम पत्रकारों ने पत्रकार मुकेश कुमार पर हुए जानलेवा हमले व रमेश यादव को मिली माफियाओं की धमकी की कड़ी निंदा करते हुए पुलिस से हमलावरों को जल्द पकड़ने की मांग की है। इधर इस मामले को लेकर पत्रकार जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी से भी मिल सकते हैं। जिसमे कि सितारगंज उपजिलाधिकारी को उक्त मामले में लगातार अवगत कराए जाने पर क्या कार्यवाही की जायेगी ये जानने का विषय है। रविवार को नई मंडी परिसर में एनयुजेआई की नगर इकाई सितारगंज की एक बैठक की गई जिसमे सितारगंज नगर इकाई द्वारा पत्रकार साथी मुकेश रमेश यादव दोनो के विषय में अपने जिले के जिलाधिकारी व कप्तान से मिलकर मामले से रूबरू कराकर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की जाएगी और यह भी तय किया गया कि यदि आलाधिकारियों द्वारा मामले में उदासीनता दिखाई गई तो इस मामले की लेकर देहरादून कूच कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। एनयूजे (आई)प्रदेश अध्यक्ष संजय तलवाड़ ने कहा कि पत्रकारों के साथ ये व्यवहार बर्दास्त नहीं किया जायेगा। और पत्रकारों के हक की लड़ाई प्रत्येक स्तर पर लड़कर उन्हें इंसाफ दिलाया जायेगा।

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सितारगंज में कैलाश नदी पर रात्रि में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर सितारगंज पंजाब केसरी के संवाददाता रमेश यादव द्वारा खबर को प्रमुखता से छापे जाने पर उन्हें खनन माफियाओं द्वारा जान से मरने की धमकी को लेकर भी पत्रकारों में भय बना हुआ है उनका कहना है कि एक ओर तो भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है और दूसरी ओर अवैध खनन करने वाले माफियाओं पर लगाम कसे जाने के लिए उनकी खबर को प्रमुखता से समाचार पत्र में प्रकाशित करने वाले पत्रकार ही सुरक्षित नही हैं।

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हालांकि कैलाश नदी पर अवैध खनन मामले में लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंताओं द्वारा नोटिस जारी कर कड़ी चेतावनी दी गई है कि उनके द्वारा इस प्रकार के खनन की कोई भी अनुमति नहीं दी गई हैं।और जिसके संबंध में राजस्व विभाग को सूचित कर कड़ी कार्यवाही करवाई जायेगी।

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