कोरोना महामारी से निपट भी नहीं पा रहे, अब ब्लैक फंगस बरपा रहा कहर ।

लगभग पूरे देश से ब्लैक फंगस लोगों को अपना शिकार बना रहा है. सभी राज्यों में यह ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसार रहा है, जिससे सरकारें भी चिंतित है…

●अब ब्लैक फंगस बीमारी बरपा रहा कहर
●लगातार फैल रहा है ब्लैक फंगस रोग
●देश के अधिकतर राज्यों में पसारे पैर

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थम नहीं रहा है, हालांकि संक्रमण की रफ्तार थोड़ी कम होने से राहत जरूर मिली है. कोरोना के नए मामले अब तीन लाख से नीचे आ गए हैं, मगर इस घातक संक्रमण से अभी तक देश निपट भी नहीं पा रहा है कि अब नई बीमारी ने परेशानी बढ़ा दी है. कोरोना के मरीजों पर जानलेवा ब्लैक फंगस नाम की बीमारी हमला बोल रही है. कोरोना के बीच यह बीमारी दूसरा बड़ा खतरा है. इस बीमारी की चपेट में कोरोना वायरस से मुक्त हुए लोग आ रहे हैं. लगभग पूरे देश से ब्लैक फंगस लोगों को अपना शिकार बना रहा है. सभी राज्यों में यह ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसार रहा है, जिससे सरकारें भी चिंतित है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में ब्लैक फंगस बीमारी कहर बरपा रही है. आलम यह है कि राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु समेत कई राज्य ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर चुके हैं. राजस्थान सरकार ने राज्य के कई जिलों में ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि को देखते हुए 19 मई को इसे महामारी करार दिया. हरियाणा सरकार ने 18 मई को ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ नामक नियम बनाए. जबकि तेलंगाना सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत फंगल संक्रमण म्यूकोर्मिकोसिस को एक खतरनाक बीमारी घोषित किया.

दिल्ली-|एनसीआर में ब्लैक फंगस का खतरा अधिक बढ़ता रहा है. अकेले दिल्ली एम्स में ब्लैक फंगस के 80 से 100 के बीच मरीज हैं. गंगाराम अस्पताल में 6 मई को केवल 6 मामले आए थे, मगर 19 मई तक यह बढ़कर 60 हो गए. मैक्स के दिल्ली स्थित सभी सेंटरों में ब्लैक फंगस के 25 मरीज एडमिट हुए. लेडी हार्डिंग में 12, आरएमएल में 5, अपोलो में 10, आकाश हॉस्पिटल में लगभग 20 ब्लैक फंगस के मामले आए. हरियाणा में भी इस जानलेवा ब्लैक फंगस के 177 से अधिक मामले आ चुके हैं. अकेले गुरुग्राम में ही 75 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. हरियाणा के सिरसा में इस बीमारी से 5 लोग मर भी चुके हैं.

सितारगंज-|सुशीला तिवारी अस्पताल में बुधवार को ब्लैक फंगस के संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। सितारंगज निवासी 47 वर्षीय व्यक्ति को मंगलवार को एसटीएच में भर्ती कराया गया था। मरीज कोविड पॉजिटिव था और साथ ही उसमें ब्लैक फंगस के भी लक्षण भी थे। मरीज ने बुधवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हालांकि एसटीएच प्रबंधन ने अभी यह स्वीकार नहीं किया है कि उसकी मौत की वजह ब्लैक फंगस ही था। बताया गया है कि पहली जांच में ब्लैक फंगस के कोई संकेत नहीं मिले हैं, जबकि कोविड का सैंपल लेकर कल्चर के लिए भेजा गया है। तीन से चार दिन में रिपोर्ट आने की संभावना है। प्रबंधन ने इस बात को माना है कि ब्लैक फंगस बीमारी में उपयोग किया जाने वाला का इंजेक्शन एम्फोटेरिसीन बी अभी अस्पताल में नहीं है।
उधर, यूएसनगर में किच्छा मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती नानकमतता निवासी 46 वर्षीय मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं। अस्पताल प्रबंधन ने सीएमओ डॉ. देवेंद्र सिंह पंचपाल को इस संबंध में पत्र लिखकर अवगत कराया है। रुद्रपुर में अब तक दो लोगों में ब्लैक फंगस के लक्षण मिल चुके हैं। एक युवक को जांच के लिए ऋषिकेश एम्स भेजा गया है। मरीज को जांच के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया है।

ऋषिकेश-|ऋषिकेश। आज तक एम्स ऋषिकेश में म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के करीब 42 से ज्यादा मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिसमें से अब तक उपचार के दौरान एक महिला समेत कुल 2 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जबकि ऋषिकेश निवासी एक 81 वर्षीया महिला को उपचार के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। एम्स में अब तक आए कुल 42 मरीजों में से 39 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। जिनमें से 21 लोगों की सर्जरी होनी बाकी है। कुल भर्ती मरीजों में 21 उत्तराखंड के और शेष 21 उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।

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