अंगद रावण संवाद की लीला के मंचन में गूंजे जय श्री राम के जयकारे। मंच पर किसान अनीलदीप को किया सम्मानित।

सितारगंज। प्रतिदिन की भाँति बुधवार को भी विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद तेहरवें दिन की लीला का शुभारंभ हुआ। श्री बाल कृष्ण लीला संस्थान वृंदावन के कलाकारों ने स्वामी श्याम सुंदर शर्मा के निर्देशन में समुद्र से प्रार्थना, विभीषण शरणागति, अंगद रावण संवाद आदि की लीला का सुंदर मंचन किया। मंचन के दौरान कोविड 19 की गाइडलाइन्स का पालन किया गया। भगवान श्री राम के पद चिन्हों पर चलने से ही जीवन का उद्धार सम्भव है। विभीषण में अपने भाई रावण का साथ छोड़कर सीता माता की खोज में भगवान श्री राम का सहयोग किया। लंका में राम सेना के दूत अंगद के पेर को हटाने को लंका के बड़े बड़े वीर आगे आये लेकिन अंगद के पैर को कोई नही हिला पाया। अंत मे रावण स्वयं अंगद का पैर हटाने को आगे आया तो अंगद ने कहा कि पैर पकड़ने ही है तो प्रभु श्रीराम के पकड़ो। जीवं का उद्धार हो जाएगा। विभिन्न प्रकार की फसल लाल केला, काला, नीला, बैगनी गेहू व चावल, लाल भिंडी, आदि की पैदावार करने वाले उत्तराखण्ड के एक मात्र किसान अनिलदीप सिंह महल को मंच पर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन एडवोकेट अमित रस्तोगी ने किया। इस अवसर श्री रामलीला संचालन समिति के संयोजक राकेश त्यागी, एमपी तिवारी, सुरेश जैन, राजेन्द्र चौहान, आदेश ठाकुर, भीमसेन गर्ग, एडवोकेट अमित रस्तोगी, पवन अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, आशीष पांडेय, दीपचंद्र कौशल, अजय कौशल, सौरभ सक्सेना, शिवपाल सिंह चौहान, अनिल गुप्ता, मनोज अरोरा, नीरू गुप्ता, महिपाल सिंह चौहान, रमेश यादव, भगवान सिंह भंडारी, सुरेंद्र चौहान, नरेश ठाकुर, धर्मा देवी, नीरज गुप्ता, प्रेमवती रस्तोगी, पूनम सक्सेना, कलावती, शकुंतला, माया देवी आदि लोग उपस्थित रहे।

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