भगवान श्री राम के चरणों के स्पर्श से हुआ पत्थर की बनी अहिल्या का उद्धार।

सितारगंज। वृंदावन से आये हुए कलाकारों द्वारा श्री रामलीला मैदान के मंच से भगवान श्री राम की लीला के मंचन को देखने लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में बीती रात्रि की लीला में वृन्दावन के कलाकारों द्वारा भगवान श्री राम के उस दृश्य को प्रस्तुत किया गया जो कि भगवान श्री राम के चरण स्पर्श मात्र से ही पत्थर की शिला को भी जीवित देह में परिवर्तित कर देने वाला चरित्र दर्शाता है। जिसमे श्राप के कारण कई वर्षों से पत्थर की शिला में परिवर्तित हुई अहिल्या को भगवान श्री राम के मात्र चरण स्पर्श से ही पुनः उनके वास्तविक शरीर की प्राप्ति करवाता है। और मोक्ष का भागी बना देता है, इस दृश्य के मंचन मात्र से ही यह ज्ञात होता है कि प्रभु श्री राम की कृपा जिस पर भी हुई वह मोक्ष का भागी बन गया। साथ ही राजा दशरथ का परिचय कराकर श्री राम के जीवन काल को वनवासी से ग्रहस्त जीवन प्राप्त होने की ओर ले जाया गया, पुष्प वाटिका में माता सीता ने प्रथम बार श्री राम के दर्शन प्राप्त कर मन ही मन उन्हें अपना सर्वस्व मान लिया और माता पार्वती से प्रार्थना की जिससे प्रभु श्री राम से उनका विवाह हो सके। लीला मंचन के अंतिम समय मंच संचालक अमित रस्तोगी ने बताया कि अगली सन्ध्या को लीला मंचन द्वारा माता सीता का स्वमवर और परशुराम लक्ष्मण संवाद प्रस्तुत किया जाएगा।

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