(उत्तराखंड) सितारगंज। जहाँ हर ओर कोरोना महामारी काल मे मानव जीवन की आजीविका से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं या आर्थिक स्तर पर कहें तो हर क्षेत्र में इंसान की दुर्गति हो रही है ।वहीं कोरोना से निपटने में प्रदेश सरकार अपनी ओर से चाहे कितने भी प्रयास कर ले लेकिन जब तक संबंधित विभाग अधिकारी सोए रहेंगे प्रदेश की जनता का भला होने से रहा। इन पहलुओं से संबंधित एक मामला सितारगंज नगर के गुरुनानक पेट्रोल पंप का उजागर हुआ है जहाँ न तो लॉक डाउन गाइड लाइन का कोई पालन हो रहा है और न ही किसी इमरजेंसी मामले की कोई परवाह की जा रही है। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसार पम्प इमरजेंसी सेवा में 24 घण्टे खुलेंगे और तेल भी उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन यहां तो मामला कुछ मनमानी का है जहां पम्प पर काम करने वाले कर्मचारी ही ये बोलकर ग्राहकों को भगा देते हैं कि हमारी मशीन 10 बजे खराब हो जाती है और फिर किसी को तेल नही डालते चाहे फिर कोई भी इमरजेंसी हो और इस बारे मे जब संबंधित विभाग अधिकारी पूर्ति निरीक्षक सितारगंज को जन संवाद की टीम ने बयान जानने के लिए कॉल किया तो पूर्ति निरीक्षक धर्मेन्द्र धामी द्वारा कोई भी कॉल रिसीव नही की गई ।तब मामला समझ मे आ गया कि अगर संबंधित विभाग अधिकारी ही सुनवाई नही कर रहा तो फिर प्रदेश सरकार के दावे तो झूठे साबित होंगे ही। और इसी से ये बात भी समझ आती है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस कोरोना महामारी में जनता को कितनी राहत दी जा रही होगी। बाकी तो सब भगवान भरोसे ही हैं । हालांकि नगर के कई वरिष्ठ पत्रकार मोके पर पहुचे तो फिर पम्प स्वामी के मैंनेजर ने अंत में ग्राहक को पेट्रोल उपलब्ध कराकर मामला रफा- दफा कर दिया । लेकिन जहाँ पत्रकार नहीं पहुचते वहाँ तो मनमानी ही चलती होगी।
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