अगरतला: त्रिपुरा हाई कोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को पूर्व जिलाधिकारी शैलेश कुमार यादव का तबादला पश्चिमी त्रिपुरा जिले से बाहर कर दिया. यादव उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने कोविड-19 नियमों को लागू करवाने के तहत एक शादी को जबरन रुकवा दिया था.
यादव पर कथित रूप से अगरतला में हो रहे शादी सामारोह के बारातियों, दूल्हे और पंडित से दुर्व्यवहार करने का आरोप है. मामले में विभागीय जांच होने के दौरान यादव के ही अनुरोध पर उनको उनके पद से मुक्त कर दिया गया था.
कोर्ट ने पूछा कि.. क्या कार्रवाई हुई
उस घटना से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ए कुरेशी और न्यायमूर्ति एसजी चटोपाध्याय की पीठ ने एडवोकेट जनरल सिद्धार्थ शंकर डे से पूछा कि राज्य सरकार ने अबतक उनके (यादव) खिलाफ क्या कार्रवाई की है?
आपको बता दें कि, 27 अप्रैल को मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने घटना की जांच के लिए दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की जांच समिति गठित की थी.
इसके बाद उच्च न्यायालय ने यादव के खिलाफ पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्त जिला जज सुभाष सिकदर को समिति के तीसरे सदस्य के तौर पर नामित किया था.