उत्तराखंड। नायब सूबेदार एसकेटी राजेंद्र सिंह बिष्ट की है यह जेसीओ 234 इंजीनियर रेजीमेंट बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर रुड़की से संबंधित है इन नायब सूबेदार को मार्च 2021 मिलिट्री हॉस्पिटल रुड़की से एक असाध्य बीमारी की वजह से बेस हॉस्पिटल दिल्ली में इलाज के लिए ट्रेफर किया गया था फिर बेस हॉस्पिटल दिल्ली से आरआर हॉस्पिटल दिल्ली में रेफर किया गया जहां इनके ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया गया । जिसके बाद इन्हें फिर पुनः बेस हॉस्पिटल दिल्ली 6 अप्रैल 2021 को रेफेर किया गया। इस बीच दिल्ली में लॉकडाउन की शुरुआत हो गई जहां इनके परिजनों को भी इनसे मुलाकात नहीं करने दी गयी।इस बीच में परिजनों ने मिलने का प्रयास किया फिर भी बेस हॉस्पिटल के स्टाफ ने लॉक डाउन का हवाला देते हुए मिलने नहीं दिया। लेकिन जब14 जून दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तब इनके परिजन मिलने पहुंचे तो वहां के मौजूदा स्टाफ द्वारा बताया गया कि उन्हें 30 अप्रैल 2021 को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया था । तब से अब तक लगभग 65 दिन बीत जाने के बाद भी नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह बिष्ट न तो अपने मूल स्थान ग्राम और पोस्ट ऑफिस भटेरी, ब्लॉक मुनाकोट, जिला पिथौरागढ़, उत्तराखंड पहुंचे और ना ही अपनी सेवार्थ यूनिट 234 इंजीनियर रेजीमेंट में। इस बीच उनका कुछ अता पता नहीं चल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि वह अंतिम समय में 30 अप्रैल 2021 को दिल्ली बेस हॉस्पिटल से बिना किसी परिजन को सूचित किये या यूनिट को बिना बताए कैसे डिस्चार्ज कर सकते हैं। डिस्चार्ज स्लिप मैं दिखाया गया है इनके परिवार में इनकी एक 80 वर्षीय वृद्ध मां है और एक 12 वर्षीय पुत्र है। उसके बाद भी अस्पताल के किसी भी जिम्मेदार स्टाफ ने किसी को आखिर क्यों सूचित नहीं किया। एक बूढ़ी मां बार-बार अपने पुत्र की राह ताकती हुई अत्यंत दुखी है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि उसका पुत्र अभी तक घर क्यों नहीं लौटा। वो रो रो कर बस लोगों से यही निवेदन करने में लगी है कि उपरोक्त फोटो देखकर अगर किसी को कोई जानकारी हो या किसी ने देखा हो किसी भी हालात में कृपया इन नंबरों पर संपर्क करने का कष्ट कीजिए 8433 2340 88, 9456378580 और 853 404 7107 यह एक मार्मिक अपील सेवारत सैनिक की माता की तरफ से है और पिछले 9 माह पूर्व राजेंद्र सिंह बिष्ट की पत्नी का देहांत भी हो चुका है इस समय उनकी मनोदशा भी ठीक नहीं है उनके परिवार में मात्र एक माता और एक पुत्र ही है इनके घर वाले सभी से निवेदन करते घूम रहे है कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक और देश के माननीय रक्षा मंत्री उनकी यूनिट के कमान अधिकारी तक पहुंचाने में विनर सहयोग कीजिए उनकी माता और पुत्र अत्यधिक परेशान हैं। नायब सूबेदार राजेन्द्र ही घर के एकमात्र देख रेख करने और भरण पोषण करने वाले हैं ।