खटीमा। भाजपा के वरिष्ठ नेता खूब सिंह विकल ने कहा कि सत्ता के लालच में इंदिरा गांधी की सरकार ने 1975 में आज के दिन ही लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट, ‘आपातकाल’ थोप कर मां भारती को बेड़ियों में जकड़ दिया था। आपातकाल के दौरान बेगुनाह लोगों को न केवल जबरन जेलों में डाल दिया गया बल्कि युवाओं की जबरदस्ती नसबंदी करवाई गई। लोकतंत्र के इस काले अध्याय की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।
श्री विकल शुक्रवार को यहां कृषि मंडी समिति के सभागार में भाजपा द्वारा आयोजित आपातकाल के दौरान जेल गए एवं प्रताड़ित हुए महानुभावों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के दिन 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की सरकार ने न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए अचानक से आपातकाल की घोषणा कर दी थी। इसमें जबरन बेगुनाह लोगों को जेल में डाला गया और तानाशाही रवैया दिखाते हैं जबरन युवाओं की नसबंदी करवाई गई। आज से ठीक 46 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन महानुभावों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मैं और देश नमन करता है। ऐसे महानुभावों के त्याग और बलिदान ने भारत के लोकतंत्र की पुन: प्राणप्रतिष्ठा कर हम सबको ऋणी बना रखा है। लिहाजा यह देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पाएगा।
विधायक श्री पुष्कर सिंह धामी ने आपातकाल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आपातकाल के विरोध में लोकतंत्र के मतवालों ने जेल जाना स्वीकार किया लेकिन वे झूके नहीं। जिसके कारण इंदिरा गांधी को मजबूरन आपातकाल को हटाना पड़ा। श्री धामी ने सरकार द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी भी दी। इस मौके पर आपातकाल में जेल गए महानुभावों श्री राम अवतार अग्रवाल, श्री राम स्नेही मिश्रा तथा सैयद सलीम आलम रिजवी का माल्यार्पण व शाँल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप गंगवार, मंडल अध्यक्ष सतीश गोयल, सरफराज अंसारी, कपिल रस्तोगी,
नीता सक्सेना, विनोद जोशी, गोविंद मेहता, सुरेश जीना, रमेश जोशी, नईम अंसारी, सावित्री कन्याल, विमला मुंडेला, लीला बोरा, जय किशन भारती, अमित पांडेय, अमन, रिंकू रस्तोगी आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता सतीश गोयल ने तथा संचालन विनोद जोशी ने किया।