देहरादून। दून विश्वविद्यालय में आज प्रथम एलुमनाई मीट का ऑनलाइन मोड में आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश से कई पूर्व विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया. एलुमनाई मीट का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र छात्राएं हमारी धरोहर है और पूर्व विद्यार्थियों ने कम समय में अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है जिसका लाभ निश्चित ही वर्तमान विद्यार्थियों को मिलेगा. पूर्व विद्यार्थियों के सुझाव विश्वविद्यालय के लिए लाभप्रद हो सकते हैं.
कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी संस्थान को श्रेष्ठ बनाने में विद्यार्थियों का सबसे बड़ा योगदान होता है जैसे जैसे विद्यार्थी उत्कृष्टता को हासिल करते हैं वैसे ही संस्थान प्रगति करता है इसके लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी अपने व्यक्तित्व एवं समाज के समुचित विकास के लिए अपने मूल एवं अतीत से जुड़े रहे. दून विश्वविद्यालय ने कम समय में बेहद प्रगति की है और कई अकादमिक उपलब्धियां अर्जित की है. इन उपलब्धियों के लिए यहां के पूर्व विद्यार्थी एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है. प्रोफेसर डंगवाल ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब वह समाज के अंतिम छोर पर स्थित व्यक्ति के जीवन में गुणात्मक सुधार लाएं और जरूरतमंदों को परंपरागत एवं आधुनिक शिक्षा का लाभ मिले. कोई भी विद्यार्थी जब अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठता है तभी वह अपने समाज एवं राष्ट्र को महान बनाने के लिए सार्थक भूमिका का निर्वहन करता हैं. हम अपने पूर्व विद्यार्थियों के साथ संवाद बनाए रखेंगे ताकि समय-समय पर उनके सुझाव लिए जा सके एवं नए विद्यार्थी पूर्व विद्यार्थियों को रोल मॉडल बनाते हुए, प्रेरणा ले सकें.
दून विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एम एस मंदरवाल संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी विद्यार्थियों ने दून विश्वविद्यालय को देश विदेश में गौरवान्वित महसूस करवाया है. उन्होंने कहा की कोविड-19 महामारी के चलते प्रथम एलुमनाई मीटऑनलाइन मोड में संचालित किया गया लेकिन शीघ्र ही इसे ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा एवं प्रयास किया जाएगा कि अधिक से अधिक पूर्व विद्यार्थी इसमें प्रतिभाग कर सकें.
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ माला शिखा के द्वारा किया गया. उन्होंने बताया कि 2012 में दून विश्वविद्यालय में एलुमनाई सेल बनाया गया इसके बाद 2016 में इस सेल का आधुनिकरण किया गया. 2017 में इसका रजिस्ट्रेशन करवाया गया और इसका नाम दून यूनिवर्सिटी एलुमनाई एसोसिएशन (दुआ) रखा गया.
पुरातन छात्र सम्मेलन में प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने अतिथियों एवं पूर्व छात्रों का स्वागत किया। इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने भी अपने विचारों को रखा और अनुभव को साझा किया । इस क्रम में रवि काला ने कहा की हम छोटे-छोटे उद्देश्यों को लेकर काम कर सकते हैं. वेबीनार/ वर्कशॉप/ ट्रेनिंग और प्लेसमेंट से संबंधित क्रियाओं में सहायता दे सकते हैं. इस दौरान आयुष, आयुषी, सुचंदन, ऐश्वर्या गुप्ता सत्यम नेगी, सौम्या सुंद्रियाल एवं भूमिका चंदोला आदि पूर्व विद्यार्थी उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हर्ष डोभाल, डॉ अर्चना शर्मा, डॉ राशि मिश्रा, डॉ सुधांशु जोशी और डॉ राजेश भट्ट ने प्रतिभाग किया.