दिल्ली। एकल अभियान के संस्थापक श्याम गुप्त ने एकल परिवार के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को ऑन लाइन चर्चा में बताया। कि कल समाचार में एम्स के डायरेक्टर ने एक बहुत ही चिंताजनक बात कही है। उनके अनुसार पहले के वायरस के कण काफ़ी बड़े होते थे अतः मुंह या नाक से निकलने के बाद अपने वजन के कारण दो गज दूरी के पहले पृथ्वी पर गिर जाते थे। किंतु वर्तमान वायरस के कण इतने छोटे होते हैं कि वे हवा में घुल मिल जाते हैं। अर्थात् अब संक्रमण हवा के माध्यम से भी फैल रहा है। इसका अर्थ हुआ कि परिवार में यदि कोई भी संक्रमित व्यक्ति कमरे में अकेला भी है तो पूरे परिवार संक्रमित हो सकता है। अतः अब परिवार में रहते समय भी मास्क लगाना पड़ेगा।और सामान्य मास्क के ऊपर एक और मास्क लगा कर यह सुनिश्चित करना होगा कि किनारे से भी हवा नहीं घुसने पाए।मतलब अब केवल एक ही उपाय है कि घर से बाहर तभी निकलें जब अति आवश्यक हो और घर को भी सेनेटायीजर द्वारा कीटाणु विहीन बना कर रखना होगा। भीड़भाड़ में बिलकुल नहीं जाना है चाहे कुछ भी हो जाए। हालांकि वेक्सीन आ गयी है किंतु इसका यह अर्थ बिलकुल नहीं है कि वेक्सीन संक्रमण से सुरक्षित रखेगी।अतः कुछ दिन तो कठोर अनुशासन के
अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है।इसलिए इन चार उपायों को अवश्य अपनाएं।
1- बार बार हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। बाहर से घर में प्रवेश बिना साबुन से हाथ धोए नहीं होना चाहिए।
2- जूते चप्पल सब घर के बाहर रहें।
3- संक्रमण से बचने के लिए अनेक लोग विभिन्न प्रकार कर प्रयोग कर रहे हैं। उनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करके उपयोग किया जा सकता है।
4- केंद्र से प्राप्त सभी सामग्री को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए। और संभव हो तो उसका उपयोग भी करना चाहिए।