सुनिए डॉ राजेश भट्ट का बयान।
(उत्तराखंड )सितारगंज।कोविड-19 का संक्रमण होने के बाद कुछ लोगों का ऑक्सीजन लेवल सामान्य होने के बावजूद भी उन्हें ऐसा महसूस होने लगता है कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है जिसका वास्तविक कारण उस व्यक्ति के भीतर पनपा हुआ डर होता है जोकि विकराल रूप लेकर पैनिक अटैक में परिवर्तित हो जाता है।इसीलिए जरूरी है कि मनोवैज्ञानिक कारणों से पैदा होने वाले शारीरिक लक्षणों को हम पहचाने और अनावश्यक रूप से डरे नहीं।क्योंकि इस डर के कारण बहुत से लोग अस्पतालों में बेड बुक करा रहे हैं जोकि अनावश्यक है।मनोवैज्ञानिक कारणों से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के कारण जिस व्यक्ति को वास्तव में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है उसे अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल पा रहे हैं। इसिलए सिर्फ वही लोग अस्पताल में भर्ती होने जाएं जिन्हें वास्तविकता में कोरोना की शिकायत हो न कि वो लोग जो सिर्फ कोरोना के भ्रम में हों।