उत्तराखंड। उत्तराखण्ड में सरकारी नौकरियों के सपने देख रहे युवाओं द्वारा परीक्षाओं में अपना जौहर दिखाकर मजबूत चट्टानों तोड़ने से अधिक कठिन परीक्षाओं में सफल होने के बाद भी 6 माह बीत चुके हैं मगर अभी तक उन जिज्ञासु परीक्षार्थियों की किसी ने सुध तक नहीं ली नियुक्ति के इंतज़ार में एक एक दिन काटते भारी पड़ रहा है और उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भर्तियां समय पर और जल्दी हो इसके लिए सरकार ने 2014 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्थापना की,लेकिन उसके बावजूद नौकरियां समय पर नहीं मिल रहीं हैं। बतादें कि हाइकोर्ट के अधीनस्थ जिला और परिवार न्यायालयों में कनिष्ठ सहायक और स्टेनोग्राफर के लिए अगस्त 2019 में 341 पदों के लिए चयन प्रक्रिया उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा शुरू की गई अन्ततः 17 दिसंबर 2020 को चयनित युवाओं का रिजल्ट जारी कर दिया गया। उसके बाद जनवरी 2021 में आयोग द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली बाबजूद इसके अब 6 महीने बीत जाने के बाद भी अभी सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हुई है इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों ने जन संवाद द्वारा इस समस्या को प्रकाशित करने का निवेदन करते हुए बताया कि अभी फ़ाइल नियोक्ता विभाग के पास अटकी हुई है अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं जिनसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है,इसके अलावा प्रवर्तन सिपाही और आबकारी भर्ती में भी यही हाल है अब इसे संबंधित विभाग की लापरवाही कहें या सरकार की सुस्ती परिणाम बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। अब इसके बाद भी अगर खबर का संज्ञान लेकर जनप्रतिनिधियों या सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इनकी आवाज सरकार के कानों तक न पहुचाई तो फिर ये फिर ये दोष तो हम जनप्रतिनिधियों व समाजिक कार्यकर्ताओं को भी देंगें।