कोतवाली के बाहर रखे बेटेके शव के पास रोती बिलखती मां।
आक्रोशित परिजनों समेत ग्रामीणों ने पहले तो नकुलिया चौराहे पर शव रख कर लगाया जाम।
उसके बाद पैदल पहुँचे कोतवाली के बाहर और शव को रखकर पुलिस प्रशाषन मुर्दाबाद के लगाए नारे।
सात दिन पूर्व हलदुआ गांव में बाइक सवार युवकों से मारपीट का लगाया गया था आरोप।
सितारगंज।
हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में सात दिन पूर्व भर्ती युवक का कोमा का उपचार चल रहा था जिसकी आज उचार के दौरान मौत हो गयी। युवक की मौत के बाद परिजन ग्रामीणों के साथ शव लेकर कोतवाली जा पहुंचे। उन्होंने कोतवाली के बाहर शव रख कर घंटों सड़क पर जाम लगा दिया। जानकार अनुसार परिजनों के धरना देने की वजह यह है कि परिजन मामले में नामजद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस दौरान हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ लोग भी आक्रोशित हो गए।
ग्राम हलदुआ निवासी मुन्नालाल ने 16 नवम्बर को पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 14 नवंबर को ग्राम हल्दुआ निवासी अरुण पुत्र कृष्णपाल साथी अजय के साथ बाइक से जा रहे थे। तभी बाइक गड्ढे से असंतुलित होकर किसी व्यक्ति से टकरा गई। इस दौरान कुछ लोगों ने अरुण और अजय के साथ मारपीट की। पुलिस ने मुन्नालाल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। रविवार को अरुण की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। जिससे नाराज परिजन ग्रामीण और हिंदू संगठनों से जुड़े लोग कोतवाली आ पहुंचे। उन्होंने अरुण के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। जिससे सड़क के दोनों तरफ की आवागमन ठप हो गया। हिंदू संगठनों से जुड़े लोग मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। और उन्होंने मामले की सीबीसीआईडी जांच की भी मांग की है। इस दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए रुद्रपुर, किच्छा, पुलभट्टा, नानकमत्ता, खटीमा से पुलिस फोर्स और पीएसी बुला ली गई। कोतवाल भरत सिंह ने बताया कि मारपीट की प्राथमिकी पूर्व में दर्ज कर ली गई है। मेडिकल रिपोर्ट और शव का स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में कार्रवाई की जाएगी। मामले से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच की जा रही है। इधर आक्रोशित लोगों को एसडीएम तुषार सैनी, सीओ ओमप्रकाश, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी आदि ने समझाने का प्रयास किया। लेकिन आक्रोशित लोग जिद पर अड़े रह