कुशल मनोवैज्ञानिक तैयार करना दून विश्वविद्यालय का लक्ष्य- प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल।
परामर्श मनोवैज्ञानिक प्रत्येक स्कूल में होना जरूरी- प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल।
देहरादून। दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय परामर्श दिवस के उपलक्ष में मनोविज्ञान विषय में जागरूकता संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान 100 से भी अधिक युवा मनोवैज्ञानिक उपस्थित रहे।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने कहा कि आमजन के बीच मनोविज्ञान से संबंधित जागरूकता अभियान चलाए जाने की अति आवश्यकता है क्योंकि लोगों के मध्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं से संबंधित स्टिग्मा पाया जाता है। लोग मनोवैज्ञानिक समस्याओं को छुपाते हैं और जिसके कारण मनोवैज्ञानिक समस्याएं विकराल रूप धर लेती है और फिर साइकैटरिस्ट से कंसल्ट करने या हॉस्पिटल में एडमिट करने की नौबत आ जाती है। यदि सही समय पर मनोवैज्ञानिक परामर्श लिया जाए तो बहुत सी मनोवैज्ञानिक समस्याओं को शुरुआती चरण पर ही प्रबंधित किया जा सकता है। प्रत्येक स्कूल में काउंसलर को नियुक्त करना आज समय की आवश्यकता है।
प्रोफेसर डंगवाल ने कहा कि विद्यार्थियों के बीच मनोविज्ञान विषय को लेकर क्रेज बड़ा है जिसका परिणाम यह है कि दून विश्वविद्यालय में परास्नातक और स्नातक स्तर पर मनोविज्ञान विषय लेने वाले छात्रों के बीच होड़ लगी है और सभी सीट्स फुल चल रही है। बहुत कम समय में दून विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने न केवल उत्तराखंड में बल्कि संपूर्ण भारत में मनोविज्ञान विषय पढ़ने के लिए विद्यार्थियों के मध्य लोकप्रिय होता जा रहा है। मनोविज्ञान विभाग में विदेशी छात्र भी प्रवेश ले रहे हैं। कुशल मनोवैज्ञानिक तैयार करना मनोविज्ञान विभाग का प्रमुख लक्ष्य है।
मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ सविता कर्नाटक ने कहा कि परामर्श के क्षेत्र में प्रशिक्षण का बहुत ही महत्व है इसी क्रम में मनोविज्ञान विभाग विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करता रहता है।
इस कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में डॉ राजेश भट्ट ने कहा कि भारतीय काउंसलिंग साइकोलॉजी संगठन के द्वारा हर वर्ष 17 अगस्त को नेशनल काउंसलिंग साइकोलॉजी डे मनाया जाता है ताकि लोगों के मध्य परामर्श और परामर्श से संबंधित विषयों पर जागरूकता फैलाई जा सके। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ पवन शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ब्रेन को सही तरीके से ट्रेनिंग देना बहुत जरूरी है। ब्रेन प्रोग्रामिंग के ऊपर काम करता है इसीलिए प्रोग्रामिंग पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
इस कार्यक्रम में मंच का संचालन विभाग के विद्यार्थियों द्वारा किया गया जिसमें सिद्धांत कटारिया, तीस्ता जोशी, बिपाशा, समर्थ काला, विपुल सिंह आदि सम्मिलित थे. इस कार्यक्रम के दौरान डॉ स्वाति सिंह, अंजलि भारद्वाज, दीपक कुमार, अंजलि, आयुषी आदि लोगों ने प्रतिभाग किया।