सितारगंज। हिन्दी दिवस के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय सितारगंज में हिन्दी विभाग की प्रभारी डॉ राजविन्दर कौर के संयोजन में विचार गोष्ठी तथा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुविख्यात लेखिका तथा प्रतिष्ठित त्रैमासिक पत्रिका’शैलसूत्र’ की सम्पादक उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य समाजशास्त्री तथा साहित्यकार डॉ सुभाष वर्मा ने की। हिन्दी दिवस के अवसर पर श्रीमती आशा शैली जी को हिन्दी विभाग के सम्मान “हिन्दी सृजन” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान अब से प्रत्येक वर्ष हिन्दी विभाग द्वारा एक प्रसिद्ध साहित्यकार को प्रदान किया जाएगा। अतः श्रीमती आशा शैली इस सम्मान को प्राप्त करने वाली प्रथम साहित्यकार हैं। मुख्य व्याख्याता के रूप में श्रीमती हीरा अन्ना ने अपने वक्तव्य में श्रीमती आशा शैली के साहित्यिक जीवन तथा हिन्दी साहित्य में उनके योगदान के बारे में बताया।
हीरा अन्ना वर्तमान में श्रीमती शैली के साहित्यिक जीवन पर शोध कर रही हैं तथा वर्तमान में हे. न.ब. स्नातकोत्तर महाविद्यालय खटीमा में हिन्दी विषय में कार्यरत हैं। उन्होंने आशा जी के बाल जीवन तथा वैवाहिक जीवन के साथ साथ साहित्यिक जीवन पर भी विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कविता पोस्टर प्रतियोगिता तथा ” भारतेंदु हरिश्चंद्र तथा हिन्दी भाषा के विकास में उनका योगदान” विषय पर वक्तव्य का आयोजन भी हिन्दी परिषद द्वारा किया गया।
कविता पोस्टर प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार से सजाकर कविताएँ प्रस्तुत कीं। इसमें प्रथम स्थान सोनम ने, द्वितीय स्थान दिव्या बिष्ट ने तथा तृतीय स्थान मेघा देवकोटा ने प्राप्त किया। विकास कुमार को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। मनदीप कौर तथा आयुषी सक्सेना ने “भारतेंदु हरिश्चंद्र तथा हिन्दी भाषा के विकास में उनका योगदान” विषय पर वक्तव्य में हिन्दी भाषा पर खुली परिचर्चा की गई। हिन्दी को रोजगारपरक बनाने की बात कही गयी।
कार्यक्रम का आयोजन तथा संचालन हिन्दी विभाग प्रभारी डॉ राजविन्दर कौर ने किया। कार्यक्रम में हिन्दी दिवस के अवसर पर डॉ सुनीता उपाध्याय, डॉ अनिता नेगी, डॉ चंद्रपाल, डॉ सत्यमित्र सिंह, डॉ भुवनेश, डॉ रितिका, डॉ कमला , डॉ सविता, डॉ चारु, डॉ नीति, डॉ अंजू , श्री दयानन्द तिवारी, श्री शुभम, पत्रकार तथा कवि अंजुम कादरी, श्री रमेश ,श्री संजय, श्री राजेन्द्र राजू , श्री दीवान , श्री राजेन्द्र, श्री प्राग आदि उपस्थित रहे।