किसान अनीलदीप महल कर रहे खेती, लोगों को खूब भा रहा पीले तरबूज का स्वाद।
सितारगंज। अफ्रीका में उगने वाला पीले रंग का तरबूज अब सितारगंज क्षेत्र में उग रहा है। उत्तरखण्ड में रंग बिरंगी फसलों की खेती करने के लिए मशहूर किसान अनिलदीप ने अब पीले तरबूज की पैदावार भी शुरू कर दी है। पीले रंग का तरबूज न लाल रंग वाले के मुकाबले न केवल अधिक फायदेमंद है, बल्कि इसकी मांग भी बाजार में अधिक है।
देश के अधिकांश हिस्से में लालरंग का तरबूज मिलता है। देश में पीले तरबूज की खेती महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में होती है। वहीं हजारों साल पहले पीले तरबूज की खेती सबसे पहले अफ्रीका में शुरू हुई थी। इस पीले तरबूज को सिट्रुलस लैनाटस के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तराखंड में सितारगंज के ग्राम बीजटी के ब्रांड फार्म निवासी किसान अनिलदीप महल ने अपने गांव तिगड़ी फार्म के समीप ही इसकी खेती शुरू की है। अनिलदीप किसानों को पारम्परिक फसलों की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। अनिलदीप बताते है कि अभी पीले रंग के तरबूज की खेती से सिर्फ दो दर्जन के करीब फल उगे हैं, लेकिन उनका कहना है कि अब वे इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर करेंगे।
इनसेट
स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद, कैंसर रोधी हैं तत्व
लाल तरबूज की तरह ही पीला तरबूज भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा होता है। इसमें पानी की मात्रा भरपूर होती है, यह आपको लंबे समय तक हाइड्रेट रखता है। वहीं इसके सेवन से सेहत को कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। पीला तरबूज का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक हो सकता है।इसमें कैंसर को रोकने की क्षमता होती है।