हल्द्वानी। वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार दिवाकर भट्ट के आकस्मिक निधन पर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस उत्तराखंड से जुड़े सभी पत्रकारों ने गहरा दुःखद जताया। पत्रकारों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
दिवाकर भट्ट आधारशिला पत्रिका के संपादक थे,कई वर्ष तक उन्होंने अमर उजाला में कार्य किया। कई दिनों से वह अस्वस्थ थे, उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था, चिकित्सकों के अथक प्रयास के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। सोमवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से हिन्दी साहित्य एवं पत्रकार जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। दिवाकर भट्ट प्रतिवर्ष भारत की ओर से कई देशों में हिंदी साहित्य सम्मेलनों में प्रतिभाग करते थे। कई पुरुस्कारों से उन्हें सम्मानित भी किया गया था।
सरल स्वभाव, मिलनसार व्यक्तित्व के दिवाकर इतनी जल्दी अलविदा कर देंगे यह किसी मालूम नहीं था। वह 58 वर्ष के थे, मूल रूप से कांड बागेश्वर पाटा डुंगरी गाँव के रहने वाले थे, वर्तमान में पीलीकोठी आफिसर्स इन्कलेव में रहते थे। अपने पीछे पत्नी बेटा बेटी को रोता विलखता छोड़ गए।उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट, सुरेश पाठक, डॉ दिनेश जोशी, डॉ मदन मोहन पाठक, दया जोशी, संदीप पांडेय, महेंद्र सिंह नेगी, सुरेंद्र मौर्या, भास्कर मिश्रा, देवेंद्र मेहरा, राजकुमार केसरवानी, अंकुर सक्सेना, भगवान सिंह गंगोला, राजेन्द्र क्वीरा, ईश्वरी दत्त भट्ट, शंकर पांडेय,धर्मानंद खोलिया, राजेन्द्र पंत, अजय उप्रेती समेत दर्जनों पत्रकारों ने शोक संवेदना व्यक्त व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इधर पत्रकार दीपक भंडारी के पिता का आज डॉक्टर सुशीला तिवारी अस्पताल में निधन हो गया। सभी पत्रकारों ने इस पर गहरा दुःख जताया। बताया जा रहा है कि दीपक भंडारी के पिता कुछ दिनों से अस्वस्थ्य चले आ रहे थे।