कोविड19 की तीसरी लहर के मद्देनजर राज्य आंदोलनकारी सुभाष तनेजा ने डी जी पी को लिखा पत्र।
पुलिस विभाग में तैनात बहने, जिनके नवजात शिशु, या गर्भावस्था में महिला पुलिस कर्मियों को, वर्क फ्रॉम होम, ऑफिस वर्क या छुट्टी देने की मांग।
किच्छा(उत्तराखंड)। समाज की सेवा करना, गरीबों पर असहाय लोगो के लिए अपनी आवाज को बुलंद करना, जरूरतमंद को सहारा देना का कार्य लंबे समय से करते आ रहे वरिष्ठ समाज सेवी राज्य आंदोलनकारी सुभाष तनेजा ने इस बार उत्तराखंड पुलिस में तैनात हजारों बहनों के लिए अपनी आवाज को उठाते हुए, सूबे के पुलिस मुखिया डी जी पी अशोक कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा की, पूरे देश में महामारी ने लाखो लोगों की जान ले ली है, और देश में तीसरी लहर बेहद ही विनाशकारी होने की संभावना जताई जा रही है। इस लहर में छोटे नवजात बच्चे खासतौर पर निशाने पर आ सकते है। इसी के मद्देनजर पुलिस विभाग में तैनात बहने जो गर्भावस्ता में है अथवा जिनके बच्चे की आयु 5 वर्ष से कम है उन सभी महिला पुलिस कर्मियो को छुट्टी देने अथवा आफिस वर्क देने की मांग की है। भेजे गए पत्र में कहा है । कि पूरे देश में कोरोना का संक्रमण बेहद ही तेज़ी से बढ़ गया है, और केंद्र सरकार द्वारा भी तीसरी लहर आने की चेतावनी दी है, जिसमे उन्होंने साफ कहा है कि, ये लहर युवाओं और खास तौर पर छोटे बच्चो के लिए बेहद घातक होगी।
आए दिन इस महामारी से देशभर में हजारों लोग लोगों की मृत्यु हो रही हैं । इस महामारी के दंश से देवभूमि उत्तराखंड भी अछूती नहीं है। और यहां भी महामारी ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। आपके पुलिस विभाग,समस्त विभागों,में जो जो महिलाएं गर्भावस्था में हैं जिनके नवजात शिशु है अथवा जिनके बच्चो की आयु पांच वर्ष से कम है। हमारी ऐसी बहनों को, अगर हो सके तो, छुट्टी देने की कृपा करे, अथवा फील्ड जॉब ना देकर, हो सके तो, वर्क फ्रॉम होम या ऑफिस वर्क दिया जाए। ताकि हमारी बहने अपने को सुरक्षित रखने के साथ ही अपने छोटे-छोटे बच्चों के जीवन की सुरक्षा कर सकें।
यह महामारी उन लोगों के लिए प्राण घातक है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, नवजात शिशु या 5 साल के छोटी उम्र के बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है तथा छोटे बच्चे मां का दूध का ही सेवन करते हैं। छोटे-छोटे मासूम बच्चों को उनकी मां का आंचल और मां का प्यार मिलता रहे और वह इस बीमारी से बच जाए। राज्य आंदोलनकारी सुभाष तनेजा ने पुलिस महानिदेशक से निवेदन किया है की महिला पुलिस कर्मियों व उनके बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आप जैसे विद्वान अधिकारी इस विषय पर पुलिस में सेवा कर रही हमारी हजारों बहनों के लिए जल्दी उचित कदम उठाएंगे।
समाज की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर देना वाले किच्छा निवासी सुभाष तनेजा ने इस बार प्रदेश की पुलिस विभाग ने तैनात महिलाओं के लिए अपनी आवाज उठाई है। सुभाष तनेजा समाज से जुड़े मुद्दे और जनहित की कार्यों के लिए हमेशा अपनी आवाज उठाते आए है। पूरे देश में महामारी मौत का तांडव करती दिख रही है, उससे पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है, चीच पुकार चारो तरफ सुनाई दे रही, पुलिस विभाग की बहने इस महामारी से अपने और अपने नवजात बच्चो को बचा सके इसके लिए समाज सेवी राज्य आंदोलनकारी सुभाष तनेजा ने डीजीपी को पत्र लिखा है