रामनगर। सोमवार को वन ग्राम विकास संघर्ष समिति के बैनर तले वन ग्रामों में रहने वाले ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए नगर में जुलूस प्रदर्शन के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की। इसके बाद वन परिसर में हुई हंगामेदार सभा में ग्रामीणों ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा ने हमेशा उन्हें ठगने का काम किया है चुनाव के समय इन राजनीतिक पार्टियों के लोग ग्रामीणों की समस्याएं समाधान करने का आश्वासन देते हैं लेकिन सरकार पर आसीन होने के बाद दिए गए आश्वासन से दूर हो जाते हैं समिति के अध्यक्ष एस लाल ने कहा कि वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने के साथ ही इन ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं देने को लेकर लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है लेकिन आज तक इन ग्रामों को राजस्व गांव बनाना तो दूर यहां रहने वाले ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी तरस रहे हैं उन्होंने कहा कि यदि इस बार उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वन ग्रामों में रहने वाले ग्रामीण 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का रूप से बहिष्कार करेंगे रामनगर विधानसभा क्षेत्र में 24 ग्राम वन ग्राम में आते हैं। सभा स्थल पर पहुंचे विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने भी ग्रामीणों की समस्या सुनते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकाल में वन ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का काम किया गया उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामों में वन अधिनियम आड़े आने के चलते वहां विद्युतीकरण का काम नहीं हो पाया है तो ऐसे ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा के माध्यम से उन्हें प्रकाश युक्त किया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि तीन वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाए जाने के लिए जिलाधिकारी के स्तर से शासन में प्रस्ताव भेज दिया गया है विधायक ने भी ग्रामीणों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाना चाहिए इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।