जिलाधिकारी युगल पंत पहुँचे किसान अनिलदीप के फार्म,कहा प्रगतिशील किसान अनिलदीप ने किया प्रदेश का नाम रौशन।

सितारगंज । जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने तिगरी फार्म बिष्टी के प्रगतिशील किसान अनिल दीप महल के फार्म हाउस पहुँचकर कृषि उत्पादों की जानकारी ली।

इस दौरान जिलाधिकारी ने ब्लैक चावल से बनी खीर के साथ ही पीले तरबूज का स्वाद चखा। जिलाधिकारी ने काले चावल से बनी खीर के स्वाद की भूरी-भूरी प्रशंसा की और तरबूज की भी तारीफ की।
प्रगतिशील कृषक अनिलदीप सिहं महल ने बताया कि कृषि भूमि पर रंग बिरंगी भिन्डी, गेंहू में काली मोटी, काली बारीक, पर्पल, ब्लू गेहूँ,चावल में नीली जामूनी, काला चावल, भूटानी रेड, निरवाना रेड, रक्तशाली, तिलक चंदन आदि अनेक फसल का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही अनिलदीप महल ने बताया कि जैविक तरीकों से अपने खेत में लाल भिन्डी की खेती करने में पूरी तरह से कामयाब रहें है। लाल भिन्डी व्यक्ति के शरीर में आरबीसी की गिनती को बढ़ाती है, जो कि व्यक्ति की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है,उन्होंने यह भी बताया कि काली मोटी, काली बारीक गेहूं नीली जामूनी, सफेद गेहूँ काला चावल-चार किस्म के गेहूँ की जापानी तकनीक की मदद से फसल तैयार की है। ये गेंहू की किस्में मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियो के लिये अत्यधिक सहायक है। और बताया कि इस किस्म के गेहूँ कैंसर, मोटापा और दिल से सम्बन्धित बीमारियों से लड़ने में भी सहायक है। अनिलदीप ने अपनी भूमि पर रूद्राक्ष, विभिन्न प्रजातियों के आम, अनेक प्रकार के मसाले जैसे जीरा, हींग, सौंप (दो प्रकार की), बैगनी पत्ता गोभी, गूलर के 15 प्रकार के फूल, 06 प्रकार के बास, अंजीर आदि अनेक पेड़ सौधे लगाये हुए है। अनिलदीप ने अनेक प्रकार के फूलों की खेती कर रखी है एवं विभिन्न प्रकार के फलों की भी खेती की है।

अनिलदीप महल ने बताया कि है कि ये सभी प्रकार के फूल व फल व्यक्ति के स्वास्थ्य के प्रति अत्यन्त लाभ दायक है। जिन फसलों का उत्पादन उनके द्वारा किया जा रहा है, वे उनके उचित मात्रा में बीज भी तैयार कर रहें है ताकि अन्य काश्तकारों को भी इन बीजों को उपलब्ध कराया जा सके तथा अन्य काश्तकार जैविक कृषि एवं नयी तकनीक से विभिन्न प्रकार की नयी प्रजातियों की फसल अपने खेतों में तैयार कर सके व बाजार आदि में बेचने पर उन्हें अतिरिक्त धन की प्राप्ती हो सके। जिससें छोटे काश्तकारों को अत्याधिक लाभ होगा व उनके जीवन स्तर में काफी हद तक सुधार आ पायेंगा। उन्होंने यह भी बताया कि आज जहाँ देश में बेरोजगारी का स्तर बढ़ रहा है उसका एक सीधा कारण यह भी है कि छोटे काश्तकार खेती-बाड़ी छोड़ कर छोटे-मोटे रोजगार की तलाश में रहते है और जानकारी के अभाव में उनके छोटे-छोट खेत खाली पड़े रहते है, जबकि वे लोग जैविक खेती से अपने खेतों में अनेक प्रकार के विभिन्न प्रजातियों के फल फूल लगाकर उन्हें उचित मूल्य पर बाजार आदि में बेच कर बेरोजगारी जैसी गम्भीर समस्या से छुटकारा पा सकते है।
इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी एके वर्मा, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, कृषि विकासखंड प्रभारी सुभाष चंद यादव, उप परियोजना निदेशक आत्मा राजेन्द्र शर्मा, ब्लॉक तकनीकी प्रबन्धक आत्मा सुमित गौड़, मास्टर ट्रेनर जैविक खेती मोहम्मद अशरफ, न्यायपंचायत प्रभारी कैलाश चंद पन्त आदि उपस्थित थे।

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